महा मानव को अंतिम सलाम !!
बड़े शौक से सुन रहा था जमाना,
तुम ही सो गए दास्ताँ कहते-कहते !!
जाति, धर्म, पंथ, भाषा व प्रदेश की सीमित सीमाओं से कही ऊपर
उठकर पूरे भारत का जन-मानस उदास है !! गमगीन है !!
कोई धर्म गुरु या विद्वान् मुझे सिर्फ इतना बता दे !!!
कि कलाम साहब का जाति, धर्म,पंथ,भाषा व प्रदेश क्या था !! और भी खूबसूरत और भी ऊंचा
इस देश का नाम हो जाए !!
अगर हर हिन्दू विवेकानंद और
हर मुस्लिम कलाम हो जाए !!
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