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Friday, 4 September 2015

दरस ..


शिक्षक दिवस पर हार्दिक बधाइयां व शुभ कामनाओं सहित ..

....... || दरस || .......

हक़ सबने जतलाया मगर
वो हमेशा ही खामोश थे
मांस पिंड को सुगढ़ बनाने में
    हमेशा ही वो व्यस्त थे ...

माता - पिता उनमे दिखे
सखा भी उनमे ही मिला
ज्ञान रस जी भर पिलाया
    नि:स्वार्थ प्रतिमूर्ति वो बने ...

अहर्निश चरण वंदन उनका
आज उनको अर्पित किया
   रूप अनेकों हैं उनके मगर..
    सबका दरस “गुरु“ में ही किया...

..विजय जयाड़ा 

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