5 जून विश्व पर्यावरण दिवस ....
धरती पर आने के बाद, प्रथम सांस लेने से लेकर अंतिम सांस तक हर मौसम में यदि कोई मनुष्य की नि:स्वार्थ सेवा करता है ... तो वो है ... हरा-भरा वृक्ष !!
"बहुजन हिताय -बहुजन सुखाय" का मंत्र वृक्ष को विरासत में मिला है।
धरती पर रहकर आकाश की बुलंदियों को पाने का और आंधी-तूफानों में भी अडिग रहने का सन्देश देता एक पूर्ण विकसित वृक्ष एक साल में 80 से 120 किग्रा ऑक्सीजन देता है जबकि एक वयस्क मनुष्य लगभग 315 किग्रा ऑक्सीजन का उपयोग एक साल में करता है ..अंतर स्पष्ट है ..एक एकड़ जमीन पर लगाये गए वृक्ष, 18 मनुष्यों के लिए आवश्यक आक्सीजन की आपूर्ति कर सकते हैं ..
हमारे धर्मग्रंथों में भी वृक्षारोपण के प्रति जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से वृक्षारोपण को पुण्य और सात पीढ़ियों के तारण से जोड़ा गया है।
आइए, पर्यावरण दिवस को शुभकामनाओं के आदान- प्रदान तक ही सीमित न रहकर इस भीषण गर्मी में पेड़-पौधों को पानी देकर हम पुण्य के भागीदार बनें ..
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