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Monday 30 May 2016

जब मैं मैच की पहली बॉल पर आउट हुआ !!




यादगार लम्हे .....

जब मैं मैच की पहली बॉल पर आउट हुआ !!

                                   स्थान : आजाद मैदान, उत्तरकाशी, उत्तराखंड
      मैच की कमेंट्री का अंश...
        .... राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, उत्तरकाशी टीम के कप्तान और भरोसेमंद सलामी बल्लेबाज विजय जयाडा, फाइनल मैच की पहली गेंद पर स्ट्राइक लेंगे. उन पर टीम की बल्लेबाजी का पूरा दारोमदार है.गेंदबाज ने दौड़ना शुरु किया ...फ़ाइनल मैच की पहली गेंद और .... विजय जयाडा .... क्लीन बोर्ड ..... !!
         हा हा हा हा हा .. बेटा पुरानी तस्वीरें देख रहा था ..तो अचानक जोर से हँसते हुए बोल पड़ा “ पापा ये किसकी फोटो है ? देखो किल्ला कितनी दूर जा पड़ा है !! “
तस्वीर देख कर मुझे भी जोर से हंसी आई !!
             तब, जब में मैच की पहली ही गेंद पर आउट हुआ था तो इतना मायूस व हताश हो गया था कि उस क्षण सोच रहा था कि धरती फटे और उसी में समां जाऊं !! निराशा और शर्मिंदगी में मुझे सहसा चारों ओर अँधेरा ही अँधेरा दिख रहा था ! वापस पैवेलियन तक का सफ़र किस तरह पूरा किया, आज भी वो जीवंत दृश्य मन मस्तिष्क पर उभर आता है.
             इस मैच से पहले व बाद में भी अच्छे स्तर तक सलामी बल्लेबाज और विकेटकीपर के रूप में क्रिकेट खेली लेकिन इसी एक मैच में पहली गेंद पर आउट हुआ था और वो भी क्लीन बोर्ड !!!
तब तो मेरे खेल जीवन का ये सबसे दुखद व निराशाजनक क्षण था लेकिन आज इस वाकये को साझा करते हुए भी कौतूहलपूर्ण आनंद की अनुभूति हो रही है ..
               सच ही कहा गया है तस्वीरें बोलती है वो चाहे सुखद अनुभूतियाँ लिए हों या कुछ और ... हालांकि अब ये मैदान, खेल का मैदान सा नहीं दिखता ! वाहन खड़ा करने की जगह मात्र बन कर रह गया है लेकिन इस मैदान से जुड़ी अतीत की कई गुदगुदाती यादें आज भी जेहन में जीवन्त हैं।
               सोचता हूँ हर किसी के जीवन में इस प्रकार के क्षण अलग-अलग रूपों में आते है लेकिन निराशा के इन क्षणों से तुरंत उभरने के लिए स्वयं ही शीघ्रता से हिम्मत जुटाना आवश्यक है।


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