कलम के सिपाही : मुंशी प्रेमचंद
चारा घोटाले में दोषी करार दिए जाने के उपरांत, निराश लालू ने उसी समय सज़ा सुनाये जाने की बात कही थी. लेकिन जज पी के सिंह ने उनकी बात अनसुनी करते हुए उन्हें हिरासत में लेने का आदेश दिया.
ज्ञातव्य हो कि जज पी के सिंह और लालू प्रसाद यादव दोनों ही पटना लॉ कॉलेज के छात्र रहे हैं. जज पी के सिंह कॉलेज में लालू से जूनियर थे. एक मामले की सुनवाई के दौरान कुछ समय पहले लालू ने जज साहब को कॉलेज के दिनों के संबंधों की याद भी दिलाई थी ...
नियति का यह निर्णय स्कूली दिनों में पढ़ी, मुंशी प्रेम चंद जी की एक कालजयी कहानी की आत्मा को जीवंत करता निर्णय प्रतीत हुआ .!!
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